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ओडिशा के संबल में है कल्कि महाप्रभु की जन्मस्थली

ओडिशा के संबल में है कल्कि महाप्रभु की जन्मस्थली

ओडिशा के संबल में है कल्कि महाप्रभु की जन्मस्थली

भगवान श्री वेदव्यास ने श्रीमद्भागवत महापुराण में लिखा कि भगवान कल्कि सम्भल ग्राम में जन्म लेंगे-

श्रीमद्भागवत महापुराण

(स्कंध 12/अध्याय 2/श्लोक 18)

सम्भलग्राममुख्यस्य ब्राह्मणस्य महात्मनः।  भवने विष्णुयशसः कल्किः प्रादुर्भविष्यति॥

♦ अर्थात सम्भल ग्राम के एक प्रमुख ब्राह्मण के घर, जहां भगवान विष्णु का नित्य यशगान किया जा रहा होगा, कल्किप्रभु का जन्म होगा। 

बाद में जब द्वापरयुग के अंत में भगवान वेदव्यास ने 'महाभारत' की रचना की, तब उन्होंने भागवत में की गयी अपनी पूर्व उक्ति को थोड़ा संशोधित करते हुए महाभारत के ‘वनपर्व’ में भगवान कल्कि का जन्म ‘सम्भूत सम्भल’ ग्राम में होने का उल्लेख किया। यह ध्यान देने योग्य है कि पहले उन्होंने ‘सम्भल’ ग्राम और फिर बाद में ‘सम्भूत (यानी बसाये गये) 'सम्भल’ ग्राम का उल्लेख किया-


महाभारत

(वनपर्व/190/श्लोक 93)

कल्की विष्णुयशा नाम द्विजः कालप्रचोदितः। उत्पत्स्यते महावीर्यो महाबुद्धिपराक्रमः॥९३॥ सम्भूतः सम्भलग्रामे ब्राह्मणावसथे शुभे।

♦ यहां उन्होंने स्पष्ट किया कि "जहां यज्ञ करने के उद्देश्य से ब्राह्मणों का गांव स्थापित किया गया होगा, उसी गांव में भगवान विष्णु का यशगान करनेवाले एक प्रमुख ब्राह्मण के घर भगवान कल्कि जन्म लेंगे।"

ओडिशा के इतिहास के अनुसार सोमवंशी राजा ‘जजाती केशरी’ ने उत्तरप्रदेश के कन्नौज से दस हजार ब्राह्मणों को लाकर जाजपुर में मां बिरजा क्षेत्र के पूर्वी भाग में बसाया और उन्हीं ब्राह्मणों द्वारा दशाश्वमेध यज्ञ कराया। यही वह 'सम्भूत सम्भल' है जो ओड़िया भाषा के अनुसार 'संबल' नाम से प्रसिद्ध है।


** इस तरह यह प्रमाणित होता है कि ओडिशा में जाजपुर का यही सम्भूत संबल भगवान कल्कि की जन्मस्थली है। **